सितंबर 2023 में ब्राज़ील की टेफ़े झील का तापमान 41°C पहुँचने से 150+ लुप्तप्राय डॉल्फ़िन्स की मौत हो गई। नए अध्ययन के अनुसार, ऐतिहासिक सूखे और तेज़ धूप ने झील को 'उबलते पानी' में बदल दिया, जो जलवायु परिवर्तन का गंभीर संकेत है।
अंज़ॉन (ब्राज़ील) — दुनिया के सबसे बड़े वर्षावन, अमेज़न के दिल में एक गंभीर पर्यावरणीय त्रासदी सामने आई है। ब्राज़ील की टेफ़े झील (Lake Tefé), जो जलीय जैव विविधता का एक प्रमुख केंद्र है, सितंबर 2023 में अत्यधिक गर्मी के कारण एक घातक क्षेत्र में बदल गई। एक नए वैज्ञानिक अध्ययन ने पुष्टि की है कि ऐतिहासिक सूखे और भीषण तापमान के संयोजन ने झील के पानी को इतना गर्म कर दिया कि वह 150 से अधिक लुप्तप्राय नदी डॉल्फ़िन्स के लिए जानलेवा साबित हुआ। यह रिपोर्ट ऐसे समय में आई है जब वैश्विक समुदाय ब्राज़ील में COP30 जलवायु शिखर सम्मेलन के लिए जुट रहा है, जिससे इस मुद्दे की गंभीरता और बढ़ गई है।
त्वरित विश्लेषण: त्रासदी के मुख्य तथ्य
- स्थान: टेफ़े झील, अमेज़न बेसिन, ब्राज़ील
- अधिकतम तापमान: 41°C (105.8°F) - सामान्य से अत्यधिक ऊपर
- मृत्यु संख्या: लगभग 153 नदी डॉल्फ़िन्स (गुलाबी और तुकुक्सी प्रजातियाँ)
- अन्य प्रभाव: हज़ारों मछलियों की भी मौत दर्ज की गई
- प्रमुख कारण: गंभीर सूखा, सतही क्षेत्र में ~75% की कमी, और तीव्र सौर विकिरण
घटना का विवरण: जब झील बनी 'हॉट टब'
त्रासदी का पैमाना अभूतपूर्व था। ममीराउआ इंस्टीट्यूट फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट (Mamirauá Institute for Sustainable Development) के शोधकर्ताओं के अनुसार, झील के पानी का तापमान 41 डिग्री सेल्सियस (105.8°F) तक पहुँच गया था। तुलनात्मक रूप से, यह तापमान एक सामान्य हॉट टब (लगभग 38-40°C) से भी अधिक है।
अध्ययन के प्रमुख लेखक और हाइड्रोलॉजिस्ट अयान फ़्लिशमैन (Ayan Fleischmann) ने उस समय की स्थिति का वर्णन करते हुए बताया कि पानी इतना गर्म था कि "उसमें उंगली डालना भी मुश्किल था।" उनके अनुसार, गुलाबी नदी डॉल्फ़िन्स (Inia geoffrensis) और तुकुक्सी (Sotalia fluviatilis) जैसी संवेदनशील प्रजातियों के 150 से अधिक शवों को देखना एक गहरा "मनोवैज्ञानिक आघात" था। यह घटना केवल डॉल्फ़िन्स तक सीमित नहीं थी; हज़ारों मछलियाँ भी इस अत्यधिक तापमान को सहन नहीं कर सकीं और मर गईं।
वैज्ञानिक कारण: 'हीट ट्रैप' का निर्माण
'साइंस' जर्नल में प्रकाशित शोध ने इस आपदा के पीछे के तकनीकी कारणों को स्पष्ट किया है। यह केवल एक संयोग नहीं था, बल्कि कई जलवायु कारकों का एक घातक मिश्रण था:
- ऐतिहासिक सूखा: 2023 के उत्तरार्ध में अल नीनो (El Niño) से प्रेरित भीषण सूखे ने झील के जल स्तर को प्रभावित किया, जिससे उसका सतही क्षेत्रफल लगभग 75% तक सिकुड़ गया।
- उथला पानी और तीव्र धूप: कम पानी की गहराई (कुछ स्थानों पर केवल 2 मीटर) के कारण सूर्य की किरणें पानी को तल तक गर्म करने में सफल रहीं।
- हवा की कमी: शांत मौसम ने पानी को प्राकृतिक रूप से ठंडा होने से रोका, जिससे झील एक 'हीट ट्रैप' बन गई।
भविष्य के संकेत और चेतावनी
यह त्रासदी अमेज़न बेसिन के लिए एक स्पष्ट चेतावनी है। शोधकर्ताओं ने नासा (NASA) के उपग्रह डेटा का उपयोग करके पाया कि अमेज़न की झीलें वैश्विक औसत से कहीं ज़्यादा तेज़ी से, लगभग 0.6°C प्रति दशक की दर से गर्म हो रही हैं।
COP30 शिखर सम्मेलन के संदर्भ में, यह रिपोर्ट नीति निर्माताओं के लिए एक महत्वपूर्ण साक्ष्य है। अयान फ़्लिशमैन ने जोर देकर कहा है कि यह घटना दर्शाती है कि "जलवायु आपातकाल आ चुका है।" यदि वैश्विक तापमान वृद्धि को नियंत्रित करने के लिए तत्काल कदम नहीं उठाए गए, तो टेफ़े झील जैसी घटनाएँ अमेज़न के पारिस्थितिक तंत्र के लिए एक सामान्य बात बन सकती हैं, जिससे इसकी अद्वितीय जैव विविधता को अपूरणीय क्षति होगी।
क्या अमेज़न में सचमुच कोई 'उबलती नदी' है?
हाँ, पेरू में 'शनाय-तिम्पिश्का' (Shanay-timpishka) नाम की एक नदी है जिसका पानी भू-तापीय (geothermal) कारणों से 99°C तक गर्म रहता है। हालांकि, इसका टेफ़े झील की हालिया घटना से कोई संबंध नहीं है।
दुनिया की 'बॉयलिंग लेक' (Boiling Lake) कहाँ है?
डोमिनिका (Dominica) में स्थित 'बॉयलिंग लेक' एक ज्वालामुखी से गर्म होने वाला प्राकृतिक कुंड है, जो टेफ़े झील से अलग है।
अमेज़न पर जलवायु परिवर्तन का क्या असर हो रहा है?
बढ़ते तापमान और सूखे के कारण अमेज़न वर्षावन की जैव विविधता और जल स्रोत खतरे में हैं, जैसा टेफ़े झील की घटना में देखा गया।
गुलाबी नदी डॉल्फ़िन्स की स्थिति क्या है?
गुलाबी नदी डॉल्फ़िन्स (Inia geoffrensis) को IUCN द्वारा 'लुप्तप्राय' (Endangered) घोषित किया गया है।
'साइंस' जर्नल के नए अध्ययन के मुख्य निष्कर्ष क्या थे?
अध्ययन ने पुष्टि की कि ऐतिहासिक सूखे, कम जल स्तर और तीव्र धूप के संयोजन ने टेफ़े झील को एक घातक 'हीट ट्रैप' मेंबदल दिया।

0 Comments